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केराटोप्लास्टी सर्जरी की जरूरत वाले लोगों का सर्वेक्षण कर उसके अनुसार इलाज होगा : मनोहरलाल

 

चंडीगढ़, 11 अगस्त - हरियाणा में लोगों को उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने संबंधित अधिकारियों को केराटोप्लास्टी सर्जरी (कॉर्निया प्रत्यारोपण एक डोनर से कॉर्निया ऊतक के साथ आप के कॉर्निया के हिस्से को बदलने की एक शल्य प्रक्रिया है) की जरूरत वाले लोगों का पता लगाने के लिए एक सर्वेक्षण करने और फिर उसके अनुसार उनका इलाज करने को कहा है।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को राज्य के स्कूलों में आंखों के भेंगेपन (स्क्विंट) से पीडि़त बच्चों का सर्वेक्षण करने के लिए भी कहा ताकि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के तहत उनका भी इलाज किया जा सके।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल आज यहां की राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, हरियाणा की 7वीं जनरल बॉडी मीटिंग की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री डॉ बनवारी लाल भी उपस्थित थे।

बैठक के दौरान स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि राज्य के कोविड प्रबंधन मॉडल से प्रभावित होकर थाईलैंड सरकार इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के संपर्क में है।

बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत करवाया गया कि उनके निर्देशानुसार दृष्टिहीनता नियंत्रण कार्यक्रम के विस्तार के लिए प्रदेश के सभी 22 जिलों में नेत्र बैंक स्थापित किए गए हैं। उन्हें यह भी बताया गया कि विभाग जल्द ही अस्पतालों में कार्यात्मक रसोई की सुविधा शुरू करने जा रहा है। साथ ही, जिस प्रकार सरकारी स्कूलों के बच्चों को आरबीएसके के तहत स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जाती हैं, उसी प्रकार निजी स्कूलों के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग श्रेणी में आने वाले बच्चों को भी आरबीएसके के तहत स्वास्थ्य लाभ प्रदान किया जाएगा।

बैठक में यह भी बताया गया कि भारत सरकार की ई-संजीवनी ओपीडी-सेफ होम ओपीडी पहल को 8वां स्थान मिला है और इसके तहत राज्य में लोगों को 24 घंटे परामर्श प्रदान किया जा रहा है। इसके उपरांत, स्वास्थ्य मंत्री श्री अनिल विज ने अधिकारियों को औचक निरीक्षण करने को कहा ताकि राज्य के लोगों के लिए ई-संजीवनी परामर्श सेवा 24 घंटे उपलब्ध होना सुनिश्चित हो सके।

बैठक में यह भी उल्लेख किया गया कि युवा पीढ़ी को अच्छे स्वास्थ्य का महत्व समझाने के लिए हरियाणा ने स्कूल पाठ्यक्रम में स्वास्थ्य एवं वेलनस राजदूतों के माध्यम से स्कूल आधारित सत्र शुरू कर दिये हैं। हरियाणा विद्यार्थियों को इस तरह का प्रशिक्षण प्रदान करने वाले कुछ राज्यों में से एक है और इस स्कूल स्वास्थ्य एवं वेलनस राजदूत कार्यक्रम को सात जिलों नामत: करनाल, मेवात, पलवल, पानीपत, पंचकूला और यमुनानगर में शुरू किया गया है। इसके अलावा, कायाकल्प कार्यक्रम के तहत, 58 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (यूपीएचसी) को कायाकल्प पुरस्कार दिया गया है जो भारत में सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की एक पहल है।  

मुख्यमंत्री को राज्य में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य में सुधार के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी भी दी गई। उन्हें अवगत कराया गया कि पांच वर्ष से कम आयु वर्ग में मृत्यु दर (जन्म से 60 महीनों के दौरान होने वाली) 2005 में 78 नमूना पंजीकरण प्रणाली (एसआरएस) से घटकर 2018 में 36 एसआरएस हो गई है। इसीप्रकार, शिशु मृत्यु दर (जन्म से 12 महीनों के दौरान होने वाली) 2005 में 60 एसआरएस से कम होकर 2018 में 30 एसआरएस, नवजात मृत्यु दर (जन्म से 28 दिनों के दौरान होने वाली) 2008 में 35 एसआरएस से घटकर 2018 में 22 एसआरएस और मातृ मृत्यु दर 2004-2006 में 186 एसआरएस से घटकर 2016-2018 में 91 एसआरएस रह गई है। इसी तरह, संस्थागत प्रसूति जो 2005 में 43.3 प्रतिशत के निचले स्तर पर थी, 2016-2018 में बढ़ाकर 95.7 प्रतिशत  हो गई है। उन्हें यह भी बताया गया कि पानीपत, पंचकूला और नूंह में प्रसूति बाल स्वास्थ्य अस्पताल स्थापित किए गए हैं। साथ ही, सामुदायिक जागरूकता बढ़ाने के लिए रेडियो, टीवी चैनलों पर राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन (एनयूएचएम) पर एक वृत्तचित्र और शहरी क्षेत्रों में होम डिलीवरी को कम करने, विशेष आउटरीच शिविरों और यूएचएनडी पर तीन टेलीविजन विज्ञापनों का प्रसारण किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने बैठक में मौजूद सरपंचों और डॉक्टरों के सुझाव भी सुने। बैठक में मुख्य सचिव श्री विजय वर्धन, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री वी. उमाशंकर, चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री आलोक निगम, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री राजीव अरोड़ा, वित्त एवं योजना विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री टी.वी.एस.एन. प्रसाद और मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ. अमित अग्रवाल भी उपस्थित थे।

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