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11वें दिन मंगलवार रात को लक्ष्मण-मेघनाद युद्ध, मेघनाद का लक्ष्मण पर शक्ति बाण छोडऩा, लक्ष्मण मूर्छा आदि प्रसंगों का मंचन हुआ

फरीदाबाद, 12 अक्टूबर। जागृति रामलीला कमेटी, 2 ई-पार्क द्वारा रंगमंचीय रामलीला के 11वें दिन मंगलवार रात को लक्ष्मण-मेघनाद युद्ध, मेघनाद का लक्ष्मण पर शक्ति बाण छोडऩा, लक्ष्मण मूर्छा, भगवान राम का विलाप, सुषेण वैद्य का आगमन, हनुमान जी द्वारा संजीवनी बूटी लाना, भरत-हनुमान मिलन और लक्ष्मण के पुनर्जीवित होने पर राम सेना में हर्षोल्लास आदि प्रसंगों का मंचन हुआ। रामलीला दृश्यों के बीच बीच में भक्ति गीतों पर कलाकारों ने नृत्य प्रस्तुत किया। रामलीला का मंचन शबरी आश्रम में भगवान श्री राम के प्रवेश के साथ शुरू हुआ। शबरी आश्रम में भगवान श्री राम के प्रवेश के साथ हनुमान का अवतरण, सुग्रीव मित्रता और बाली वध का मंचन हुआ। इसके बाद सीता की खोज के लिए हनुमान लंका पहुंचे और अशोक वाटिका में माता सीता को प्रभु श्री राम की याद में व्याकुल देख भावुक हो गए। सीता माता हनुमान को श्री राम का भक्त जानने के बाद खुश हुईं। माता सीता को खोजने के दौरान हनुमान ने अशोक वाटिका के फल व पेड़ तोडक़र इधर-उधर फेंके। इसके बाद मेघनाथ द्वारा छोड़ी ब्रह्म की शक्ति में बंध गए। रावण के दरबार में हनुमान को लाकर उनकी पूंछ में आग लगा दी गई। इससे रावण की सोने की लंका धू-धूकर जली।

इस अवसर पर पूर्व पार्षद नरेश गोसाईं, दिनेश लूथड़ा, नीरज गुप्ता, राजेश भाटिया, राजपाल सरदाना श अलका भाटिया की गरिमामयी उपस्थिति रही, जिनका जागृति रामलीला कमेटी के प्रधान योगेश भाटिया व मोहन सिंह भाटिया ने बुके देकर सम्मानित किया।

रामलीला के संचालन डायरेक्टर ओमप्रकाश तथा प्रदीप ने बताया कि रामलीला का मंचन 14 अक्टूबर तक किया जाएगा, जिसमें 13 अक्टूबर को कुम्भकर्ण-मेघनाथ वध तथा 14 अक्टूबर को रावण वध व भगवान श्री राम के राजतिलक का मंचन किया जाएगा।

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