राजकीय आदर्श संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सेक्टर 55 संकुल संसाधन केंद्र के तत्वावधान में सुरक्षा तथा संरक्षा विषय को लेकर तरंग माध्यम से आयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के अंतर्गत नेताजी सुभाष बोस जयंती का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर प्रधानाचार्य सतॆन्द्र सॏरॊत ने नेताजी सुभाष बोस के द्वारा देश को आजाद कराने के लिए किए गए अद्वितीय, साहसिक, अनथक व अनोखे प्रयासों के माध्यम से दिए गए योगदान को रेखांकित किया। भारत की आजाद हिन्द सरकार की घोषणा सुभाष चंद्र बोस ने 21 अक्टूबर 1943 को सिंगापुर में की। इस सरकार को जर्मनी, जापान, फिलिपींस, कोरिया, चीन, इटली, आयरलैंड समेत 9 देशों ने मान्यता भी दी थी। फौज को आधुनिक युद्ध के लिए तैयार करने में जापान ने बड़ी मदद की। जापान ने ही अंडमान और निकोबार द्वीप आजाद हिंद सरकार को सौंपे।
अध्यापक मनोज शर्मा ने कहा कि अंग्रेजों को देश से बाहर करने का सर्वाधिक श्रेय सुभाष बोस को दिया जाना चाहिए। नेताजी सुभाष बोस ने जर्मनी के शासक हिटलर से मिलकर जिस तरह आजाद हिंद फौज का गठन किया, जापान का सहयोग लिया और निर्वासित सरकार का गठन करते हुए सिंगापुर रेडियो से उसकी घोषणा की। इन सब प्रयासों से देशभर के नागरिकों में जहां उत्साह का संचार उत्पन्न हो गया, वही अंग्रेजी शासन की चूलॆं हिल गई। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद ब्रिटिश शासन की इतनी हिम्मत नहीं रह गई थी कि वह नेताजी सुभाष के ससस्त्र आंदोलन का सामना कर सके। अतः वह देश को छोड़कर जाने के लिए मजबूर हुए। परंतु वॆ एक षड्यंत्र के अंतर्गत देश को आजाद करने का श्रेय क्रांतिकारियों को ना देकर, तथाकथित शांति प्रिय लोगों को देकर गए।
इस अवसर पर विज्ञान अध्यापक ब्रह्मानंद ने लोकप्रिय गीत "बरसन लागे फूल बोस पॆ - जब हाथ मिल्या हिटलर तै" सुना कर सभी को रोमांचित कर दिया।
प्रशिक्षण शिविर के नोडल अधिकारी विजेंद्र सिंह तथा बृजेश शर्मा ने बताया की सी.आर.सी. 55 के अंतर्गत 14 सरकारी विद्यालयों के लगभग 120 प्रधानाचार्य, प्रधानाध्यापक, प्राध्यापक, अध्यापक इस कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं। इस दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में साइबर सुरक्षा, विद्यालय प्रबंध समिति, छात्रों की सड़क सुरक्षा, सुरक्षित विद्यालय भवन, छात्र छात्राओं के साथ यौनाचार के विरुद्ध पोक्सो एक्ट, कोविड से बचाव के उपाय, विद्यार्थियों में नशे से बचाव आदि विषयों पर विभिन्न विशेषज्ञों द्वारा जानकारी दी जा रही है।
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