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फरीदाबाद की इस सड़क पर हो रहा है किसी दुर्घटना का इंतजार, अधिकारियों की दिखी लापरवाही

 

फरीदाबाद के सड़कों की चर्चा पूरे प्रदेश में विख्यात है। यहाँ जब तक लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए प्रदर्शन नही करते तब तक प्रशासन की आँखें नहीं खुलती । ऐसी ही स्थिति फरीदाबाद के सेक्टर-55 तथा सेक्टर-25 को जोड़ने वाले 100 फुट रोड का है। सेक्टर-55 में रहने वाले वरिष्ठ समाज सेवी गुरमीत सिंह देओल ने बताया की सेक्टर 55 के ठीक सामने 30 मीटर 100 फुट रोड इस सड़क को सेक्टर 24 के सोहना मोड से लेकर समय पुर चुंगी तक सिक्स लाइन बनाया जाना था। जिसका काम आर.के गांधी कंस्ट्रक्शंस कंपनी को एचएसवीपी विभाग द्वारा दिए हुए लगभग एक साल बीतने जा रहा है। 

लेकिन केवल 30%  निर्माण कार्य 6 महीने पहले शुरू होने के 15 दिन बाद ही बंद कर दिया गया। जबकि अधिकारियों को कार्य शुरू होने से पहले ही बिजली के पोल हटवा देने चाहिए थे। यह पोल भी एचएसवीपी इलेक्ट्रिकल विभाग के कार्यकारी अभियंता श्री अश्वनी गॉड जी द्वारा ही हटवाए जाने थे। एक ही विभाग होने के बावजूद एचएसवीपी अधिकारियों ने जानबूझकर सड़क को जगह-जगह से खोदकर खुला छोड़ दिया है। 


आए दिन वहां से गुजरने वाले सभी पैदल, साइकिल सवार, टू व्हीलर या अन्य वाहन चालक आदि परेशानियों का सामना करते हुए विभाग और सरकार दोनों को कोसते रहते हैं। अधिकारियों की लापरवाही से सरकार की बदनामी हो रही है। कभी भी कोई बड़ा हादसा होने के बाद ही शायद शासन व प्रशासन की आंखें खुलेगी। इतना सब भी तब हुआ जब जहां स्थानीय लोगों ने 10 दिन तक धरना प्रदर्शन इस सड़क के निर्माण के लिए किया था। उसके बाद ही स्वयं कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा जी और अन्य जनप्रतिनिधियों ने मौके पर पहुंचकर लगभग 1 दर्जन से अधिक नारियल फोड़कर अपने-अपने फोटो भी फेसबुक और व्हाट्सएप ग्रुप पर भेजे थे।

 लेकिन अब इस समस्या की सुध लेने वाला कोई दूर तक भी नजर नहीं आ रहा है। जल्द ही बकाया सड़क का निर्माण शुरू नहीं किया गया तो आने वाले धुंध और कोहरे के मौसम में कोई भी बड़ा हादसा होने की पूरी संभावना है। इस समस्या और सड़क की हालत को देखकर स्थानीय लोगों में अंदर ही अंदर रोष धीरे धीरे बढ़ता जा रहा है। उस हालात के बाद स्थानीय लोग यदि कोई कठोर कदम उठाएंगे तो, उसकी पूरी जिम्मेवारी व जवाबदारी स्थानीय अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों पर होगी।


यह कार्य ठेकेदार की मृत्यु के एक महीने बाद शुरू हुआ था और शुरू करने के 15 दिन बाद ही खंबे सड़क के बीचो बीच होने के कारण काम बंद करना पड़ा इलेक्ट्रिकल डिवीजन एचएसवीपी द्वारा खंबे हटाए जाने के विषय में जानबूझकर लापरवाही और देरी बरती गई है सिविल डिपार्टमेंट को उन्हें पहले ही सूचित करना चाहिए था इसके लिए सिविल विभाग एचएसवीपी डिवीजन-1 भी बराबर का दोषी है।

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