उनकी गैरमौजूदगी में किसी भी कर्मचारी ने समस्या के समाधान के प्रति गंभीरता नहीं दिखाई। यहां तक कि, इस विषय में जानकारी हेतु पूछे जाने के बावजूद आए हुए लोगों को गुमराह भी किया गया। जबकि विभाग द्वारा इस कार्यालय के भूतल में एक लंबे चौड़े कार्यालय में आईटी सेल का सिस्टम और अनेकों कर्मचारियों के साथ-साथ आईटी सिस्टम ऑफिसर की भी नियुक्ति की गई है। लेकिन सभी के पास एक ही रटा-रटाया जवाब था कि, हमें नहीं मालूम यह सब चंडीगढ़ से होता है।
हम कुछ नहीं बता सकते। चंडीगढ़ से पता करो। जबकि सभी के पास मोबाइल और लैंडलाइन के साथ साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और सेंट्रलाइज सैन्टैक्स नंबर सरकार ने मुहैया करा रखे हैं। लेकिन कुछ कर्मचारी और दलाल किस्म के उन्हीं के पाले हुए कंप्यूटर ऑपरेटर, डॉक्यूमेंट राइटर यही चाहते हैं कि, लोग परेशान हों और फिर अंतिम क्षणों में मुंह मांगी सुविधा शुल्क की राशि देने के लिए मजबूर हो जाएं। यह धंधा खूब खुलेआम जोरों-शोरों से फल-फूल रहा है।
लेकिन उनकी फाइलें सिंगल विंडो पर नहीं भेजी गई। इसलिए मजबूरन उन्हें आज वापस जाना पड़ा और अब अपने काम के लिए उन्हें फिर से रीशेड्यूल कराना पड़ेगा। इन समस्याओं से पहले भी भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष श्री गोपाल शर्मा जी और विधायक श्री नरेंद्र गुप्ता जी को फरीदाबाद एस्टेट एजेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन के पदाधिकारियों द्वारा अवगत कराया गया था। उनके बार-बार आश्वासन व अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए जाने के बावजूद व्यवस्था में किंचित भी सुधार नहीं हुआ है। इस प्रकार सरकार की डिजिटल प्रणाली ऑनलाइन सिस्टम भय और भ्रष्टाचार मुक्त शासन तंत्र मुहिया कराने का दावा खोखला साबित हो रहा है।
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