चंडीगढ़ : हरियाणा राज्य फार्मेसी काउंसिल में भ्रष्टाचार उजागर होने के बाद काउंसिल की साइट ठप्प कर दी गई है। पिछले तीन दिन से साइट बंद पड़ी है। जिस कारण सैंकड़ों आवेदक अपने सर्टिफिकेट के बारे में अपडेट नहीं ले पा रहा है। फार्मेसी काउंसिल के पास सैंकड़ों आवेदकों के आवेदन लंबित पड़े हैं, जिसमें नया पंजीकरण और नवीनीकरण शामिल है। काउंसिल फार्मेसी रजिस्ट्रेशन के बाद उन्हें वेबसाइट पर अपडेट करता है, जिससे आवेदकों को पता चल जाता है कि उनका पंजीकरण या नवीनीकरण हो गया है। भ्रष्टाचार का खुलासा होने के बाद इस साइट को ठप्प करना संदेह के घेरे में है, क्योंकि कई ऐसे आवेदकों के पंजीकरण भी काउंसिल चेयरमैन और रजिस्ट्रार की ओर से किए गए हैं, जिन्होंने हरियाणा के बाहरी राज्यों से 12वीं और फार्मेसी की है। जबकि चेयरमैन धनेश अदलखा बार-बार आवेदकों को यह कहकर धमकाते थे कि तुमने हरियाणा से बाहर से पढ़ाई की है, तुम्हारी डिग्री फर्जी है, इसलिए हरियाणा में पंजीकरण नहीं होगा। जबकि उन्होंने खुद भी ऐसे सैंकड़ों रजिस्ट्रेशन किए, जिनकी पढ़ाई बाहरी राज्य से है। काउंसिल के सदस्य बीबी सिंगल का कहना है कि इस साइट को काफी लंबे समय से अपडेट तक नहीं किया गया। काउंसिल में हमें सरकार ने नवंबर 2020 में सदस्य मनोनीत किया गया था, हमने कई बार धनेश अदलखा को कहा कि वेबसाइट को अपडेट करवाने के लिए कहा था, लेकिन साइट अपडेट नहीं की गई। अब साइट ठप्प होने के बाद कई आवेदक अपनी रजिस्ट्रेशन के संबंध में फोन करके पता कर रहे हैं, लेकिन काउंसिल के सरकारी मोबाइल नंबर पर कोई जबाव नहीं मिलता। वहीं कुछ ऐसे भी सर्टिफिकेट सामने आए हैं, जिसमें धनेश अदलखा ने सुपरीटेंडेंट से सीधे फाइलें अपना पास मंगवाकर उन पर हस्ताक्षर किए, उसके बाद रजिस्ट्रार को भेजे गए। जबकि नियमानुसार सुपरीटेंडेंट फाइल को रजिस्ट्रार के पास भेजते हैं और उसके बाद रजिस्ट्रार फाइलें चैक कर हस्ताक्षर के बाद चेयरमैन के पास भेजते हैं, लेकिन इन सर्टिफिकेटों पर पहले ही धनेश अदलखा ने हस्ताक्षर किए। बताया जा रहा है कि ऐसे कई फाइलें हैं, जिन्हें पहले धनेश अदलखा अपने पास मंगवा लेते थे और उन पर खुद साइन करने के बाद रजिस्ट्रार को भेजते थे। जिससे धनेश अदलखा की कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में
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