कृष्णा कुमार, फरीदाबाद : लगभग 100 वर्षों से भी पुराने नीमका गांव में बने कुंए पर बाल्मीकी समाज के एक परीवार ने इस पर अपना हक जमाने का दावा किया, जिसके चलते उस परीवार द्वारा कुंए पर बाल्मीकी समाज तथा किसी अन्य हिंदू समाज के लोगों को कुंआ पूजन नही करने दिया जाता था परंतू जब इस परीवार ने कुंए पर गटर बनाना चाहा तो सभी बाल्मीकी समाज के लोग एकजूट होकर इस पर सवाल उठाने लगे और ज़मीन पर जबरन कब्जा करने के आरोप में स्थानीय पुलीस थाने में इसके खिलाफ कार्यवाही की भी मांग की।
स्थानीय निवासी राधिका ने जानकारी देते हुए बताया कि हिंदू धर्म में यदि किसी व्यक्ति के घर बच्चे का जन्म होता है, शादी विवाह होता है तो उसके लिए कुंआ पूजन बहुत ज़रुरी होता है। नीमका गांव में यह काफी पुराना कुंआ है और पवित्र कुंआ है जिस वजह से लोग इसकी पूजा करते हैं परंतु उमेध नाम का व्यक्ति जो कि खुद बाल्मीकी समाज से ताल्लुख रखते है इन्होने इस जमीन पर कब्जा कर लिया है और अन्य लोगों को भी यहां पूजा करने से रोकते हैं। यदि इस विषय पर इनसे बात की जाती है तो ये अपने घर पर ताला लगाकर चले जाते है।
संजीव कुमार ने बताया कि उमेध और उसके परीवार ने अवैध रुप से इस कुंए पर कब्जा किया हुआ है वहीं संजीव ने जानकारी देते हुए बताया कि यह परिवार अवैध रुप से थोड़ी-थोड़ी ज़मीन कब्जा रहा है। इस पवित्र कुंए पर भी इसी तरह उमेध ने कब्जा कर इस पर सीवर बनाना चाहा तो सभी बाल्मीकी समाज के लोगों ने एक जूट होकर इसका विरोध किया और थाने जाकर इसके खिलाफ शिकायत भी दर्ज कराई।
30 अप्रैल 2023 को बाल्मीकी समाज एकजूट होकर इस स्थान पर कुंए की सफाई के लिए आगे आया उस समय भी उमेध के परीवार की महीलाओं ने इसका विरोध किया परंतू कानूनी रुप से ज़मीन का मालीकाना हक साबित न होने के चलते इन्हे चुप होना पड़ा और कुंए के आस पास के इलाके को लोगों ने साफ कर दिया । इसके अलावा लोगों ने उस स्थान की पूजा कर प्रसाद वितरण भी किया।
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