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कर रहे हैं प्रोटीन का प्रयोग तो पहले जान लें इससे होने वाले फायदे और नुकसान


फरीदाबाद 13 दिसम्बर, 2022 अंजली  शर्मा :  लोगों को अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए कई पोषक तत्वों की जरूरत होती है, जैसे कि प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स, विटामिंस, फैट्स, पानी इत्यादि। प्रत्येक पोषक तत्व शरीर को अलग-अलग लाभ देते हैं। प्रोटीन की हमारे शरीर को स्वस्थ रखने में एक अहम भूमिका है।

प्रोटीन एक ऐसा पोषक तत्व है जिसकी जरूरत हमारे शरीर को प्रत्येक दिन तथा पर्याप्त मात्रा में होनी जरूरी है। प्रोटीन हमारे शरीर के प्रत्येक अंग के लिए जरूरी होता है तथाप्रोटीन के द्वारा हमारे शरीर में स्किन सेल से लेकर बॉडी सेल्स का निर्माण होता है। प्रोटीन को “बिल्डिंगब्लॉक्स” भी कहा जाता है। हमारी बॉडी को ताकत प्रदान करना, हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए अथवा हमारी याददाश्त को मजबूत करने के लिए भी प्रोटीन की बहुत आवश्यकता होती है।

शरीर में प्रोटीन की सटीक मात्रा कई चीजों पर आधारित होती है जैसे कि उम्र, स्वास्थ्य, मांसपेशियां इत्यादि।प्रत्येक व्यक्तिके शरीर के हिसाब से प्रोटीन की मात्रा भी अलग-अलग होती है।

प्रोटीन के स्रोत

प्रोटीन के अलग-अलग स्त्रोत होते हैं- जैसे दूध, फल, अंडा इत्यादि।परंतु कई बार शाकाहारी लोगों के लिए प्रोटीन लेने के स्त्रोत कम हो जाते हैं और इस वजह से शरीर में प्रोटीन की पूर्ति करने के लिए लोग प्रोटीन पाउडर का सेवन करते हैं।प्रोटीन पाउडर शरीर में प्रोटीन की पूर्ति करने के लिए एक बहुत अच्छा विकल्पमाना जाता है।

जो लोगजिम जाते हैं वे अक्सर वर्कआउट के बाद प्रोटीन पाउडर का सेवन करते हैं। प्रोटीन पाउडर के सेवन से मांसपेशियों को बढ़ाने तथा वजन कम करने में मदद मिलती है.

प्रोटीन पाउडर के प्रकार

प्रोटीन पाउडर के भी अलग-अलग प्रकार होते हैं जैसे:

प्लांट बेस्ड प्रोटीन- प्लांट बेस्ड प्रोटीन वह प्रोटीन होता है जो पौधों के अंदर मौजूद प्रोटीन से बनाया जाता है। इस प्रोटीन में केवल पौधों के प्रोटीन का इस्तेमाल किया जाता है इसके अतिरिक्त और किसी भी प्रकार के प्रोटीन का इस्तेमाल नहीं किया जाता। फल सब्जियों के प्रोटीन को मिलाकर यह बनाया जाता है।

उदाहरण:सोया प्रोटीन, मटर प्रोटीन इत्यादि।

 प्लांट बेस्ड प्रोटीन में लैक्टौस नहीं पाया जाता है क्योंकि इसमें दूध या दूध से बने प्रोडक्ट्स का प्रयोग नहीं होता है।

मिल्कबेस्डप्रोटीन- दूधया दूध से बने प्रोडक्ट्स में जो प्रोटीन मौजूद होता है उसे मिल्क बेस्ड प्रोटीन कहा जाता है।मिल्क बेस्ड प्रोटीन के निम्नलिखित प्रकार होते हैं:

व्हे प्रोटीन- आजकल जो लोग जिम करते हैं या बॉडी बिल्डिंग करते हैं वे लोग व्हे प्रोटीन का सेवन करते हैं।जब दूध से पनीर बनाया जाता है उसके बाद जो पानी बचता है उसे वे प्रोटीन कहा जाता है। इसी पानी को पाउडर फॉर्म में बदला जाताहै और लोग इसका सेवन शरीर में प्रोटीन की मात्रा की पूर्ति करने के लिए करते हैं।व्हे प्रोटीन पाउडर तीन सामान्य रूप में होता है:

प्रोटीन कंसंट्रेट- प्रोटीन कंसंट्रेट प्रोटीन का एक ऐसा रूप होता है जो शरीर में पचनेके लिए टाइम लेता है इसको शरीर में पचने के लिए करीब 1 से 2 घंटे का समय लग सकता है।कंसंट्रेट प्रोटीन पाउडर में करीब 70 से 85% प्रोटीन होता है।

प्रोटीन आइसोलेट- यह प्रोटीन पाउडर का दूसरा रूप होता है। आइसोलेटेड प्रोटीन पाउडर में करीब 90% तक प्रोटीन होता है और यह कंसंट्रेट प्रोटीन पाउडर से शरीर मेंजल्दी पचता है।

प्रोटीन हाइड्रोलाइज्ड- यह प्रोटीन पाउडर का तीसरा रूप है जो शरीर में बहुत आसानी तथा तेजी से पचने की क्षमता रखता है।इसमें 99.9 से 100% तक प्रोटीन होता है।


कैसिइनप्रोटीन- प्रोटीन पाउडर का दूसरा प्रकारकैसिइन होता है।कैसिइन प्रोटीन व्हे प्रोटीन की तुलना में बहुत धीरे पछता है और इसी वजह से इस प्रोटीन को ना तो सुबह जिम करने से पहले लिया जाता है और ना ही जिम करने के तुरंतबाद।दूध का जो सफेद रंग होता है वह कैसिइन प्रोटीन की वजह से ही होता है।क्योंकि यह पचने में टाइम लेता है इसी कारण इसे सीमित मात्रा में ही लेना चाहिए।कैसिइन प्रोटीन मांसपेशियों को बढ़ाने तथा रिकवरी के लिए लिया जाता है। गाय के दूध में 80%  कैसिइनप्रोटीन होता है।कैसिइन प्रोटीन के ज्यादा सेवन से कई तरह की परेशानियां भी हो सकती हैं जैसे कि शरीर में सूजन आना, खांसी होना, त्वचा पर खुजली होना इत्यादि।

 प्रोटीन पाउडरलेने से पहले यह बहुत जरूरी होता है कि हमअपनेलिएसहीचीजोंकाचयन करें। कोई भी प्रोटीन पाउडर लेने से पहले हमेंयहध्यान रखना चाहिए कि वह केमिकलरहितहो।कईबारप्रोटीन पाउडर में विषैले पदार्थ भीपाए जातेहैं,ऐसे में यह बहुत जरूरी हो जाता है किसहीचीजों का चयन किया जाए।

हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2020 में क्लीन लेबल प्रोजेक्ट नामक एक नॉन-प्रोफिट ग्रुप ने प्रोटीन पाउडर में विषैले पदार्थ के बारे में रिपोर्ट जारी की थी।रिसर्चर्स ने 134 प्रोटीन पाउडर प्रोडक्ट्स की जांच की थी और पाया गया कि उन प्रोडक्ट्स में 130 प्रकार के विषैले पदार्थ थे।इस रिपोर्ट के मुताबिक, कई प्रोटीन पाउडर में भारी मात्रा में धातु (सीसा, आर्सेनिक, कैडमियम और पारा), बिस्फेनॉल-ए (बीपीए, प्लास्टिक बनाने के लिए किया जाता है), कीटनाशक और अन्य खतरनाक केमिकल होते हैं। इन केमिकल्स से कैंसर और अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। प्रोटीन पाउडर में कुछ विषैले पदार्थ काफी मात्रा में मौजूद थे।(सोर्स-आज तक लाइफस्टाइल न्यूज़)

हर्बललाइफ न्यूट्रिशनकंपनी की फिटनेसकोच सुमिता अरोराबताती है कियह बहुतजरूरी होता है किप्रत्येक व्यक्ति कोएकमील के अंदर 25 से 30 ग्राम प्रोटीन मिले। सप्लीमेंट के द्वारा शरीर में प्रोटीन की कमी को ठीक किया जा सकता है। हमें प्रोटीन लेने से पहले हमेशा यह ध्यान रखना चाहिए कि उस प्रोटीन का कोईप्रामाणिकसोर्सहै या नहीं।सप्लीमेंट लेना एक अच्छी बात होती है लेकिन सप्लीमेंट लेने के साथ-साथ यह भी बहुत जरूरी होता है कि प्रत्येक व्यक्ति को एक अच्छी डाइट लेनी चाहिए क्योंकि हमारे शरीर को खाने से भी बहुत प्रोटीन प्राप्त होता है।इसके अतिरिक्त एक्सरसाइज तथा व्यायाम करना भी बहुत जरूरी होता है।

प्रोटीन पाउडर के फायदे-

यदि देखा जाए तो प्रोटीन पाउडर के कई फायदे होते हैं:

जो सबसे पहला फायदा होता है वह यह होता है कि यदि किसी व्यक्ति के शरीर में प्रोटीन की कमी होती है तो उस प्रोटीन की कमी को पूरा करने के लिए प्रोटीन पाउडर का सेवन अत्यंत लाभदायक होता है।

प्रोटीन हमारे शरीर के हर भाग के लिए बहुत जरूरी होता है चाहे वह मांसपेशियां हो या बाल या फिर हमारे शरीर का कोई भी भाग हो प्रत्येक भाग के लिए शरीर में प्रोटीन की एक सटीक मात्रा होनी बहुत आवश्यक है। प्रोटीन से मांसपेशियों को मजबूत बनाया जा सकता है।

इसके अतिरिक्त वजन कम करने और वजन बढ़ाने में भी प्रोटीन पाउडर अत्यंत लाभदायक होता है।

प्रोटीन का एक अन्य फायदा यह भी है कि यह टाइप 2 मधुमेह जैसी बीमारी में भी बहुत लाभदायक होता है तथा यह ह्रदय रोग को कम करने में भी सहायक होता है।

किसी चीज के यदि फायदे होते हैं तो उसके नुकसान भी होते हैं। इसी प्रकार प्रोटीन पाउडर के भी कुछ नुकसान हो सकते हैं, तथा प्रोटीन पाउडर लेने से पहले कुछ ऐसी बातें हैं जो लोगों को अवश्य ध्यान में रखनी चाहिए।

प्रोटीन पाउडर लेने से पहले जो सबसे पहली बात ध्यान रखनी चाहिए वह यह हैकि यदि किसी व्यक्ति को ऐसे पदार्थों से एलर्जी की समस्या हो तो बिना डॉक्टर की सलाह लिए ऐसे पदार्थों को नहीं लेना चाहिए।

कभी-कभी प्रोटीन पाउडर केसेवनसे लोगों को पेट से संबंधित समस्या होने की भी आशंका होती है।

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